यह टूलूज़-लोट्रेक की आखरी अश्म मुद्राओं में से एक है। प्रकाशक पिएर्रेफ़ो दौड़ पर केंद्रित एक संग्रह जारी करना चाहते थे किन्तु टूलूज़-लोट्रेक (१८६४ - १९०१) के तीव्र मादक पतन के कारण सिर्फ यही मुद्रा मुकम्मल हो सकी। प्रस्तावित संग्रह के तीन अन्य काम भी अस्तित्व में हैं पर केवल एक ही समापन के करीब है। अश्वधावन का घुड़सवार दो संस्करण में वितरित किया गया था, पहले एकरंगी अश्म मुद्रा के रूप में, फिर पांच और रंजित पत्थरों की वृद्धि से बने रंगीले रूपांतर में। इस मुद्रा में घोड़ों की प्रबलता और गति व्यक्त है न कि घुड़सवार, जो पीछे से बिना किसी ख़ास विवरण के दिखाय गए हैं। टूलूज़-लोट्रेक की नक्शानवीसी प्रतिभा साफ़ है और विकृती व अत्युक्ति के माध्यम से वातावरण और भाव निर्मित करने की उनकी क्षमता भी, जैसे कि इस अश्म मुद्रा में घोड़ों की गर्दनों के अत्यधिक अग्रसंक्षेपण से।
टूलूज़-लोट्रेक द्वारा रची गयी दीगर मशहूर अश्म मुद्रा है जापानी दीवान जिसमें मौंमार्त्र की हस्तियों का चित्रण है - उसे आप यहाँ देख सकते हैं।