आज की प्रस्तुति ओटलो (नेदरलॅंड्स) के क्रॉलर म्युलर संग्रहालय के सौजन्य से उपलब्ध है. ये उन संग्रहालयों में से है जहाँ जाना मेरा सपना है. :)
धड़ से अलग हुआ सर, ऑडीलोन रेडों की खास विशेषवस्तु है. यह उनकी रचनाओं में विभिन्न रूपों में दिखता है, जैसे की जॉन द बाप्टिस्ट या ओर्फ़ेउस, मगर बिना किसी विषिश्ट पहचान या अर्थ के. तेते दे पर्सी इस फ्रांसीसी कलाकार की इस रूपांकन वाली सबसे पहली कलाकृतियों में से है.
इस चित्र में, बादलों समान अपरिभास्य पृष्ठभूमि में, ग्रीक उपदेवता पर्सियस का सर बलि हेतु थाल पर स्थित है. आस पास से बेखबर, वो अपने विचारों में गुम हैं. एक धवल प्रकाश उनके चेहरे एवं थाल के किनारे और पीछे पड़ रही है.
इस तस्वीर से जॉन द बाप्टिस्ट के पारम्परिक चित्रण का स्मरण हो आता है जिनका सर सालोमे के अनुरोध पर कलम किया गया था. किन्तु पर्सियस का अंत इतना भीषण नहीं हुआ था. उसने तीन गोरगानो में से मेडुसा का वध किया था.
इस कलाकृति में पौराणिक कथा एवं नई टेस्टामेंट के इतिहास को मिला कर एक रहस्यपूर्ण तथा मौलिक कला का सृजन किया गया है.
यहाँ जानिए क्रॉलर-म्युलर संग्रहालय जाने के पांच कारण.