अल-मुग़ीरा की पेटी by Unknown Artist - ९६८ - १६ सेमि   x १२ सेमि   अल-मुग़ीरा की पेटी by Unknown Artist - ९६८ - १६ सेमि   x १२ सेमि

अल-मुग़ीरा की पेटी

नक्काशीदार हाथी दाँत • १६ सेमि x १२ सेमि
  • Unknown Artist Unknown Artist ९६८

सन ७११ और १४९२ के बीच कुछ मुस्लिम शासकों द्वारा अधिकृत स्पैनिश इलाकों में कला और वास्तु विद्या के माध्यम से एक सर्वदेशिए संस्कृति का निर्माण हुआ. अल-मुग़ीरा की पेटी स्पेनिश उमय्यद राज-दरबार के परिष्कृत शाही शिल्पकला का सबसे बेहतरीन नमूना है.

यह अत्यलंकृत हाथी दाँत पात्र इत्र जैसी किसी कीमती वस्तु को रखने के लिए इस्तेमाल किया जाता होगा. कोर्डोबा के खलीफा के लिए बना, यह एक सशक्त राजनैतिक सन्देश भी व्यक्त करता है.

पेटी के चारो ओर चार जंजीरनुमा विभाजन चरित्रों और पशुओं को प्रदर्शित करता है. यह दृश्य दो घुड़सवारों को ताड़ वृक्ष से खजूर के गुच्छे उठाते दिखा रहा है. ताड़ वृक्ष लुप्त पूर्वी क्षेत्रों का प्रतीक है और हमें उमय्यद वंश के दुखद प्रसंग की याद दिलाता है: जब वे डमस्कस से अपना शाषन स्पेन से लेकर भारत तक चला रहें थे, तब अब्बासिद वंश ने उनसे उखाड़ फेका और सत्ता पर कब्ज़ा कर लिया. तब अंतिम उमय्यद ने स्पेन में शरण ली और स्पेनिश उमय्यद दरबार की स्थापना की. ताड़ का पेड़ मध्य पूर्व से है और खोये हुए उमय्यद मातृभूमि का प्रतीक है. 

विपुल प्रतिमा विद्या में अनेक पशु जैसे शेर, चील और मोर दिखते हैं. वे या तो काव्य को इंगित करते हैं या शिकार जैसे राज-दरबारी मनोरंजन को.

विद्वानों का तर्क है की यह एक राजनैतिक रूपक भी है. जैसे शेर उमय्यद वंश की शक्ति (अब्बासिद के ऊपर) का प्रतीक है.

इस कलाकृति को राजवंश  के महान मंसूबों में हिस्सा लेने के लिए आमंत्रण के रूप में भी समझा जा सकता है. दूसरी तरफ ये राजकुमार को याद दिलाता है की ताकत कितनी खतरनाक हो सकती है. 

- कोरलीन मेरिक 

पि.एस. कोर्डोबा और वहां की सांस्कृतिक धरोहर को समझने के लिए अल-अन्दलूस की यात्रा के बारे में यहाँ  पढ़े.