फर्श खुरचने वाले by Gustave Caillebotte - १८७५ - १०२ x १४६.५ सेंटिमीटर फर्श खुरचने वाले by Gustave Caillebotte - १८७५ - १०२ x १४६.५ सेंटिमीटर

फर्श खुरचने वाले

कैनवास पर तैलचित्रण • १०२ x १४६.५ सेंटिमीटर
  • Gustave Caillebotte - August 19, 1848 - February 21, 1894 Gustave Caillebotte १८७५

इस दिन सन् १८४८ में ग्युस्ताव काईबौत जो कि एक फ्रांसीसी चित्रकार और प्रभाववाद संगठन के सदस्य एवं आश्रयदाता थे, का जन्म हुआ। वो मेरे पसंदीदा चित्रकारों में से एक हैं ; मुझे ख़ुशी है कि आज हम उनकी सबसे प्रसिद्ध कृति, फर्श खुरचने वाले  प्रस्तुत कर रहे हैं।

यह चित्र इतिहास के उन पहले चित्रों में से एक है जो शहरी मजदूर वर्ग को दर्शाता है। हालांकि किसान और ग्रामीण मज़दूरों का चित्रण किया जा चुका था, शहरी कर्मचारियों के चित्र शायद ही कभी देखने को मिलते थे। लेकिन काईबौत ने अपनी इस कृति में किसी प्रकार का सामाजिक, नैतिक या राजनीतिक संदेश सम्मिलित नहीं किया है। उनके विस्तारपूर्ण प्रेक्षण के कारण उनकी गिनती सबसे निपुण यथार्थवादियों में की जाती है।

इस चित्र पर पेरिस के कला समुदाय की राय विभाजित थी। उनके निंदकों में शामिल एमील पोर्शोरों, जो कि प्रभाववाद के आलोचक थे, का कहना था कि काईबौत : "प्रदर्शनी के सबसे कम अकुशल चित्रकार थे। प्रभाववाद ने दृष्टिकोण के उत्पीड़न को अपना लक्ष्य बनाया है: परिणाम आपके सामने है।" एमील ज़ोला ने उनकी तकनीकी कार्यान्वयन की सराहना की, लेकिन उनका यह भी मानना था कि यह चित्र : " कलात्मकविरोधी है, एक ऐसा चित्र जिसकी स्पष्टता कांच पर बने चित्र जैसी है, जिससे पूँजीवाद का आभास होता है; जिसका कारन यथार्थवाद की सटीकता है"। लुई एनो को इस चित्रण से कोई आपत्ति नहीं थी ("इसका विषय अवश्य ही साधारण है, लेकिन हम समझ सकते हैं क्यों यह एक चित्रकार के लिए आकर्षक है") किन्तु उन्होंने दृश्य की यथार्थता पर शंका जताई: "मुझे अफ़सोस है कि चित्रकार ने अपने मज़दूरों को और कुशलता से नहीं चुना... काम करने वालों की छाती और बाहें बहुत पतली हैं... नग्न चित्र सुडौल हो या बनाया ही न जाय!"

कल मिलते हैं!

पुनश्च: ग्युस्ताव काईबौत शहर वासियों की अंतरंगता दर्शाने में निपुण थे, पेरिस के घरों की भीतरी सुंदरता और पुष्पमय बालकनियां यहां देखें। <3