एडुअर्ड जीन कॉनराड हम्मन (1819-1888) का जन्म बेल्जियम के शहर ओस्टेंड में हुआ था l वह चित्रकारी और नक़्क़ाशी करतें थें l वह ऐतिहासिक घटनाओं, घरेलू दृश्यों और प्रसिद्ध विद्वानों के चित्र बनातें थें। उन्होंने अपनी शिक्षा ऐंटवर्प शहर के रॉयल अकादमी ऑफ़ फाइन आर्ट्स से प्राप्त कि l उन्होंने अपनी पढ़ाई पेरिस शहर के अकादेमी डे बौ-आर्ट्स से समाप्त कि, जहाँ उनकी मुलाकात थॉमस कुटूर से हुई l उनकी पहली प्रदर्शनी 1838 में घेन्ट सैलून में लगी थीं, लेकिन उनकी पहचान 1842 में ब्रसेल्स सैलून कि प्रदर्शनी से हुई l इसके बाद उन्होंने इटली कि महा यात्रा करी जँहा उन्हें प्रसिद्ध कलाकारों के बारे में पता चला l
उनकी कला शैली लूई गलैट से प्रभावित थीं l उन्होंने कईं प्रसिद्ध चित्रकारों और ऐतिहासिक व्यक्तियों के चित्र बनाये जैसे चार्ल्स क्विंट, दान्ते, मोज़ार्ट, वैसालियुस, और मोन्टैन l
1851 में उन्होंने मोहभंग चित्र बनाया, यह बोहेमियन शैली में बना आत्मीय दृश्य है जिसमे एक महिला को यादों में खोए हुए, उदास, और चट्टान पर बैठे रोते हुए दर्शाया है l ऐसा प्रतीत होता है जैसे वह किसी की प्रतीक्षा कर रही है; शायद वह उस समुद्री जहाज़ की प्रतीक्षा कर रही है जिसमे उसका प्रेमी वापिस आने वाला है? चित्र के अग्रभाग में लबलब और भटकटैया के पौधे है, एक वीरान भूदृश्य को दर्शाने के अलावा लबलब की लता निष्ठा एवं भटकटैया का पौधा दुःख का प्रतीक मना जाता है l किले का खंडहर और सूर्यास्त का गहरा नारंगी रंग इस दृश्य को और रोमांचक बना रहा है।
लाल पोशाक में, समुद्र की ओर देखते हुए, चट्टान पर बैठी महिला का चित्र आश्चर्यजनक रूप से आरी शेफर के चित्र मेडोरा जैसा है जो बायरन की कविता से प्रेरित था, जिसमे युवा मेडोरा निराशा से कॉनराड की राह देख रही है। शायद यही अत्यधिक कथात्मक चित्र हम्मन की प्रेरणा का स्रोत था।
- टोनी गॉपिल
अनुलेख. हम सब शायद एक महा यात्रा करना चाहेंगे! टिच्चबैन द्वारा गोएथे के चित्र और उनकी मित्रता के बारे यहाँ पढ़िए !