मोन्टैग्ने सेंट-विक्टइर दक्षिणी फ्रांस में एक्स-एन-प्रोवेंस के सामने एक पर्वत है I यह सिज़ैन के कई चित्रों के लिए विषय बना I एक्स-मार्सेल्ले रेखा के १५ अक्टूबर, १८७७ को खुलने के आधे वर्ष बाद ही, सिज़ैन ने १८ अप्रैल, १८७८ को एमिले ज़ोला को लिखे पत्र में मोन्टैग्ने सेंट-विक्टइर को सराहा जिसे उन्होंने आर्क घाटी के ऊपर से पुल पर गुजरते हुए रेलगाड़ी से देखा था और 'बीयू मोटिफ़' (सुन्दर भाव) के नाम से सराहा और लगभग उसी वर्ष उन्होंने इस पर्वत को विषय बना कर एक श्रृंखला आरम्भ की I
सिज़ैन ने १९वी सदी के उत्तर काल के प्रभाववाद और २०वी सदी के आरम्भ के क्यूबिज़्म के बीच सेतु का काम किया I उनके कार्यों में एक पुनरावृति है और खोजपूर्ण ब्रश स्ट्रोक्स विशिष्ट गुण वाले और स्पस्ट रूप से पहचानने योग्य हैं I उन्होंने रंगों का धरातल और लघु ब्रश स्ट्रोक्स का उपयोग जटिल क्षेत्र निर्माण के लिए किया I यह चित्र सिज़ैन का अपने विषय के गहन अध्ययन को दर्शाता है I
मतिसे और पिकासो दोनों ने सिज़ैन को अपना पितामह माना है I
पी.एस. सिज़ैन ने मोंट सेंट-विक्टइर का विभिन्न ऋतुओं और मौसमों में कई बार चित्रण किया I इनमे से एक चित्र द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान लूट लिया गया और पुनः कुछ वर्ष पूर्व दिखाई दिया I यहाँ पढ़े इसकी मजेदार कहानी !