यह विशाल चित्रफलक वेनिस के स्कूओला ग्रांडे दी सैन मार्को, शहर की सबसे प्रतिष्ठित और शक्तिशाली कॉनफ्रेटर्निटीज़ में से एक, के स्वागत-गृह को सुशोभित करता था। १५०४ में जेंटील बेल्लिनी को इसकी रचना के लिए नियुक्त किया गया था परन्तु १५०७ में कलाकार की मृत्यु के कारण यह अधूरी रह गई। हम यह नहीं जानते की चित्र किस मुक़ाम तक पंहुचा था पर इसे उनके भाई जिओवान्नि ने खत्म किया, जिन्हें जेंटील ने अपनी वसीहत में ऐसा करने की दरख़्वास्त की थी। विभिन्न हिस्सों का श्रेय किस कलाकार को जाता है अभी भी विद्वानों में बहस का मुद्दा है। सबसे व्यापक दृष्टिकोण के अनुसार, चित्र की स्पष्ट प्रमुख रेखाएं जेंटील की रची हुई हैं, जिनमें वेनिसी वास्तुकला के तत्व साफ़ तौर से भूमध्य व् पूर्वी व्युत्पादन की संरचनाओं पर जोड़े गए हैं (उदाहरण के लिए, मस्जिद के सूच्याकार स्तंभ व् मीनारें)। कलाकार इनसे परिचित थे क्योंकि उन्हें १४९७ में क़ुस्तुंतुनिया में मेहमद द्वितीय के लिए काम करने भेजा गया था।
दूसरी ओर, जिओवान्नि शायद दाहिने समूह में कॉनफ्रेटर्निटी के सदस्यों की प्रखर छवियों के निर्माता रहे हो सकते हैं।
हम यह चित्र ब्रेरा चित्रशाला की बदौलत पेश करते हैं। <3
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