सार्जेंट ने इस कॅनवास को ग्लॉस्टरशायर के फेयरफोर्ड में अपने प्रवासी साथी एडविन ऑस्टिन एबे की कंपनी में चित्रित किया था। वहाँ दोनों कलाकारों ने भित्ति चित्रों पर काम करने के लिए एक स्टूडियो किराए पर ले रखा था। एक दिन कुछ अलग करने की चाह में उन्होंने बर्फ में एक पुतले का निर्माण किया और अपने स्टूडियो की खिड़की से उसका एक ऑइल पेंटिंग चित्रित किया। इस प्रयोग के परिणाम कला के प्रति उनके असमान दृष्टिकोण को उजागर करते हैं। समालोचक रॉयल कॉर्टिसोज़ ने याद करते हुए कहा था कि एबे ने पुतले को क्लोक और पंख वाली टोपी पहनाकर एक मध्ययुगीन गीतकार के रूप में पेंट किया था (जिस पेंटिंग का कोई अता - पता नहीं है)। वहीं दूसरी ओर सार्जेंट ने उनके आँखों के सामने खड़े बेजान पुतले को चित्रित किया था।
जॉन सिंगर सार्जेंट एक प्रवासी अमेरिकी कलाकार थे, जिन्हें एडवर्डियन-युग की विलासिता कि याद दिलाने के लिए "अपनी पीढ़ी के अग्रणी चित्रकार" माने जाते हैं। एक प्रकार की उल्लेखनीय तकनीकी सुगमता शुरुआत से ही सार्जेंट के काम की विशेषता थी। ब्रश के साथ चित्रित करने की उनकी क्षमता विशेष रूप से अद्भुत थी, जिसने बाद के वर्षों में प्रशंसा के साथ-साथ कथित सतहीपन के लिए आलोचनाओं को भी आकृष्ट किया था। उनके कमीशन किए गए कार्य चित्रांकन के भव्य तरीके के अनुरूप थे। जबकि उनके अनौपचारिक अध्ययन और परिदृश्य चित्र प्रभाववाद के साथ परिचितता प्रदर्शित करते थे।
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अनुलेख: यहाँ आप सार्जेंट के दोस्त एडविन ऑस्टिन एबे के बारे में और जान सकते हैं। वह एक ऐसे अमेरिकी कलाकार थे जो ब्रिटिश चीज़ों से प्यार करते थे (ख़ासकर शेक्सपियर से!)।


बर्फ़ में खड़ा एक पुतला
ऑइल ऑन कॅनवास • ६३.५ x ७६.२ से.मी.