इस रचना का मूल, केंद्र में रखा काँच से बना एक फूलदान है। बिनोइट द्वारा चित्रित प्राग फूलों का गुलदस्ता तथाकथित रूप से त्रिज्यात: में सजे हुए फूलदान का एक प्रकार है। १७ वीं शताब्दी की शुरुआत में इसी तरह के फूलदान में फूलों की सजावट जियॉर्ग फ़्लीगल, जैन आई ब्रूघेल, रोलांड सैवरी, एम्ब्रोसियस बॉसचर्ट के कार्यों में दिखाई देती है। जिस मेज़ पर फूलदान रखा हुआ है उसपर तने से टूटे हुए कई फूल दिखाई देते हैं। वह ऐसे ही पड़े हुए हैं के क्षणभंगुरता को दर्शाते हैं। एक स्टैग बीटल भी उसपर रेंग रहा है, जो मानव आत्मा के लिए खतरे का प्रतीक है। फूलदान में फूलों की पसंद एक परंपरा पर आधारित है जो मध्य यूरोप (लिली-ऑफ-द-वैली, फॉरगेट-मी-नॉट, कोलम्बाइन, आईरिस, लिली) और पूर्व के दुर्लभ फूलों (निगेला, एनीमोन) को जोड़ती है। इन फूलों के सजावट की विशिष्टता ही तो थी जिसे पहले स्थान पर सराहा गया था। इससे पहले, वर्ष के अलग - अलग मौसम में खिलने वाले फूल संयुक्त नहीं किए गए थे। पीटर बिनोइट के ब्रशवर्क का विवरण, विशिष्ट रूपरेखा और एक स्पष्ट एवं कॉम्पैक्ट रंग योजना इस पेंटिंग की विशेषता है। इस संबंध में, बिनोइट की पेंटिंग न केवल एम्ब्रोसियस बॉसचर्ट के कार्यों, बल्कि ओसियास बर्ट के उत्पादनों के भी करीब आती है। यह पेंटिंग बिनोइट के शुरुआती कार्यों में शुमार है। इसे फूलों के इसी तरीके के सजावट किए गए फूलदानों के समूह में शामिल किया जा सकता है।
हम आज की पेंटिंग के लिए प्राग की राष्ट्रीय गैलरी को धन्यवाद देते हैं। :)
अनुलेख: कला के इतिहास में सबसे सुंदर फूलों की रचनाओं में से एक को यहाँ देखें, जो डच महिला कलाकार रेचल रुइश द्वारा चित्रित 'फूलों का गुलदस्ता' है। <३


फूलों का गुलदस्ता
ऑइल ऑन वुड • २८.५ x २१.६ से.मी.