लौरा थेरेसा अल्मा-तदेमा का जन्म १८५२ में इस दिन हुआ था। वह अपने समय के अंग्रेजी सैलून के प्रमुख चित्रकारों में से एक थीं। वह सर लॉरेंस अल्मा-तदेमा की एक छात्रा और दूसरी पत्नी थी। महिलाओं और बच्चों के अत्यधिक भावुक घरेलू और शैली के दृश्य उनकी विशेषता थी। उन्होंने अपने पति के लिए कुछ शास्त्रीय विषयों और परिदृश्यों को चित्रित किया था। लेकिन सामान्य तौर पर १७ वीं शताब्दी की डच कला का उनपर मुख्य प्रभाव था। इस शैली का उनके पति के मुकाबले उनके काम में बहुत कम संयमित प्रभाव था। उन्होंने निम्न देशों की यात्राओं पर वर्मियर और डी हूच के कार्यों का अध्ययन किया था। आज हमारे द्वारा प्रस्तुत पेंटिंग में उनके कामों की गूंज देखी जा सकती है। :)
१८७३ के पेरिस सैलून ने अल्मा-तदेमा को पेंटिंग में शुरुआती सफलता दिलाई थी। १८७८ में पेरिस इंटरनेशनल प्रदर्शनी में वह केवल दो अंग्रेजी महिला कलाकारों में से एक थी। उनके अन्य चित्र रॉयल एकेडमी (१८७३ से), ग्रॉसवेनर गैलरी और लंदन में मौजूद हैं। अल्मा-तदेमा ने इलस्ट्रेटर के रूप में भी कभी-कभार काम किया था, खासकर द इंग्लिश इलस्ट्रेटेड मैगज़ीन के लिए।
अनुलेख: वर्मियर के "हताश गृहिणियों" के एक घरेलू दृश्य के साथ इस सुंदर चित्रण की तुलना करें, जो आपको यहाँ मिलेगा। :-D


सपनों की दुनिया
ऑइल ऑन कॅनवास • ४६ x ३१ से.मी.