शांतिचित्तता और सरस-सुमेल की सुहावनी अनुभूति से परिपूर्ण यह प्राकृतिक दृश्य लगभग फोटोग्राफिक यथार्थता से प्रस्तुत किया गया है। जॉन कॉन्स्टेबल की अत्युत्तम कृति संतुलित तरह से विस्तृत मैदानों में चमकीली धूप और शीतल छांव, अहाते (जंगले) की घुमावदार सी चलती रेखाओं और पेड़ों, चारागाह, नदी की रमणीय परस्परक्रिया दर्शाती है; यह दिखाती है की कलाकार ने एक वास्तविक स्थान का सृजनात्मक संकलन किया है। जॉन कॉन्स्टेबल का सटीक ब्रशवर्क, जो जानवरों, पक्षियों और मनुष्यों की रचना की बारीकियों में दिखता है, जिससे इन छोटे-छोटे अवयवों के महत्व की प्रमुखता जाहिर होती है।
कॉन्स्टेबल सफोल्क के पैदाइशी निवासी थे, अपनी स्वभूमी काउंटी एसेक्स के उत्तर में स्थित ग्रामीण इलाके से उन्हें गहरा प्रेम था। यह गहन लगाव उनकी कृतियों में एक निरंतर मूल-विषय है। उनके अध्ययन तथा स्केचबुक्स से भी उनकी इस पूर्ण तल्लीनता का पता चलता है - अपने देशीय ग्रामीण इलाके के चित्रामक पहलू, बादलों की गतिविधि, नदियों और झरनों द्वारा पार किए गए तराई क्षेत्र की अनुभूति, और धरा पर रोशनी का प्रभावशाली नाटकीय खेल।
यह विस्मयजनक पेंटिंग (अन्य खूबसूरत अति उत्तम कृतियों के संग) हमारे 2025 डेस्क कैलेंडर में चित्रित की गई है, जिसे हमने अभी बेचना शुरू किया है। इसे जरूर देखिए, डेलीआर्ट शॉप में ... अब 25% छूट पर !
पी.एस. एक मुख्याकृति जो इस पेंटिंग को इतना विशेष बनाती है, वह है ... बादल ! कला में बादलों पर एक नजर डालिए !